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देश की तकदीर बदलने में जुटे हैं स्वामी दयानन्द के शिष्य

आजादी मिलने के सात दशकों के बाद भारत माता का यश पूरे विश्व में चहुंओर फैल रहा है। आज विश्व में भारत की धाक एक शक्ति या यूं कहें महाशक्ति के रूप में जमी है। इसका मुख्य कारण युगपुरुष महर्षि दयानन्द के विचार और उनके अनुयायी ही हैं। आज देश में महर्षि दयानन्द के विचारकों का राज है। देश में आर्य संस्कृति का बोलबाला हो उठा है। आज शासन अपनी प्रजा के साथ न्याय कर पा रहा है। महर्षि दयानन्द जैसे निर्भीक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने फैसले ले रहे हैं। इसका परिणाम भी सकारात्मक जा रहा है।
देश के गरीबों और अमीरों के साथ एक जैसा न्याय हो, इसके लिए हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कमर कस ली है। गत आठ नवंबर को देश के गरीबों को अधिक से अधिक राहत पहुंचाने के लिए नोट बंदी का ऐलान किया तो लोग उन्हें डराने लगे कि आपकी सत्ता कभी भी जा सकती है। सत्ता से बेपरवाह नरेन्द्र मोदी ने दो टूक शब्दों में कहा था कि हमारा क्या है, हम तो फकीर हैं, अपना झोला लेकर निकल पड़ेंगे। हमने अपना सारा जीवन देश और देशवासियों को दिया है और आगे भी देेंगे। उनकी इस बात का विश्वास देश की जनता ने किया और उन्हें उत्तर प्रदेश में प्रचंड बहुमत देकर उपहार दिया। उन्हीं नरेन्द्र मोदी ने महर्षि दयानन्द की झोली से एक और नगीना योगी आदित्य नाथ के नाम का खोज निकाला अब वह हीरा भी
अपनी चमक दिखा रहा है। स्वामी रामदेव का तो कहना ही क्या है वह तो स्वयं में महर्षि दयानन्द के अनुयायियों द्वारा स्थापित गुरुकुल से अध्यापित होकर पूरे विश्व में अपनी आभा की चमक बिखेर रहे हैं। उनका मोदी की विजय और भारतीयों के हित में बहुत बड़ा योगदान है। महर्षि दयानन्द के अनुयायी देश का भविष्य संवारने में जुटे हुए हैं और उन्हें पूर्ण सफलता भी मिलेगी।

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