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हम हिन्दू नहीं ‘आर्य’ हैं ऐसे।

वेद-पुराणों ने बतलाए जैसे

हमारे देश में ‘हिन्दू’ शब्द पर काफी चर्चा होती रहती है। हिन्दू शब्द को धर्म में कैसे बदला गया। इसका प्रयोजन क्या था, इस बात का न तो प्रमाण ही मिलता है और न ही कोई महत्वपूर्ण बात ही मिलती है। पुराने ग्रंथों और महापुरुषों के जीवनकाल की घटनाओं को ध्यान से देखें तो हिन्दू शब्द कहीं भी नहीं आता है। हां आर्य शब्द अवश्य ही सभ्यता के उदय के बाद से आया है। इस बात के जगह-जगह प्रमाण भी मिलते हैं। इन प्रमाणों को एक जगह पर प्रदर्शित करने वाली एक महत्वपूर्ण कविता अथवा आप इसे भजन भी कह सकते हैं, अवश्य आपके समक्ष आर्य समाज सूरजपुर ग्रेटर नोएडा के 20 वर्षों तक प्रधान रहे पं. महेन्द्र कुमार आर्य यहां प्रस्तुत कर रहे हैं।
हमारा प्राचीन नाम हिन्दू नहीं।
कहीं भी हिन्दू नाम लिखा नहीं पाया।।
यवन काल से पहले का किसी पुस्तक में प्रमाण नहीं।
वेद,शास्त्र उपनिषद ब्राह्मण ग्रन्थों दरम्यान नहीं।
रामायण और महाभारत बतलाता कोई पुराण नहीं।
जैन, बौद्ध ग्रन्थों के अन्दर मिलता कहीं निशान नहीं।
नाटक और किसी कोषों में जिकर कहीं नहीं आया।।
कहीं भी हिन्दू नाम लिखा नहीं पाया।।
नाम आर्य पढ़ो वेद में जगह-जगह पर आया कि ना।
आर्यवाच: इस प्रकार कई ग्रन्थों में दर्शाया कि ना
शुरू सृष्टि ें आर्यों ने आर्यावत्र्त बसाया कि ना
संकल्प में भी आर्यों ने यह आर्यावत्र्त सुनाया कि ना
आर्य ब्राह्मण कुमारयो:लेख लिखा यह पाया कि ना।
मनुस्मृति पढ़ो मनु ने साफ-साफ दर्शाया।।
कहीं भी हिन्दू नाम लिखा नहीं पाया।।
वाल्मीकि रामायण अयोध्या काण्ड साफ बतलाय रहा
गीता में कृष्ण अर्जुन को आर्य कह समझाय रहा
युधिष्ठिर विजय काव्य पढ़ देखो नाम आर्य आय रहा
आर्य: ईश्वरपुत्र: यह निरुक्तकार सुनाय रहा।
काशी विश्वनाथ मन्दिर पर लिखा आर्य पाय रहा।
राष्ट्रम् आर्यस्य च उत्तमम् भविष्य पुराण जताय रहा
जैनियों का तत्वार्थ सूत्र नाम आर्य गाय रहा
आर्यों से जो भिन्न मनुष्य वह दस्यु नीच कहाया।
कहीं भी हिन्दू नाम लिखा नहीं पाया।।
संवत् 1937 काशी का सुनो हवाला जी
सावन बदी पण्डित शामिल चुने हुए थे आला जी
हमारा हिन्दू नाम नहीं यह साफ-साफ कह डाला जी
स्वामी विशुद्धानन्द बाल शास्त्री ने भी नहीं टाला जी
जिन्होंने स्वामी दयानन्द संग किया गड़बड़ झाला जी
उन्हीं लोगों ने नाम आर्य हर्षित हो अपनाया।।
कहीं भी हिन्दू नाम लिखा नहीं पाया।।
अमर कोष में आर्य शब्द का अर्थ श्रेष्ठ बतलाया है
पर्यायवाची सभ्य सज्जन साधु कुलीन कहाया है
काला काफिर गुलाम हमें नीचों से नीच ठहराया है
दयानन्द ने कही दया सोतों को आन जगाया है
सत्य सनातन वेद प्रथा का फिर से भान कराया है
ताराचन्द दिए बना आर्य हिन्दू नाम छुड़ाया है।
कहीं भी हिन्दू नाम लिखा नहीं पाया।।

प्रस्तुति महेन्द्र कुमार आर्य
सम्पर्क:9910550037

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