Skip to main content

Posts

Showing posts from March, 2020

डाकू नहीं प्रचेतस ऋषि के दसवें पुत्र थे महर्षि वाल्मीकि

प्रारम्भिक जीवन में डाकू नहीं थे,तपस्या करने वाले महान ऋषि थे 16 अक्टूबर को होने वाली महर्षि जयंती पर विशेष श्री वाल्मीक नमस्तुभ्यमिहागच्छ शुभ प्रद। उत्तरपूर्वयोर्मध्ये तिष्ठ गृहणीष्व मेऽर्चनम्। शायद ही कोई ऐसा भारतीय होगा जो वाल्मीकि के नाम से परिचित न हो लेकिन उनके वृत्तान्त के बारे में इतिहास खामोश है। उनके व्यक्तित्व का प्रतिबिम्ब हमें रामायण महाकाव्य में दृष्टिगोचर होता है। इस कृति ने महर्षि वाल्मीकि को अमर बना दिया। उनके अविर्भाव से संस्कृत साहित्य में एक नए युग का सूत्रपात हुआ। इससे पूर्व का युग दैव युग के नाम से जाना जाता है। वाल्मीकि संस्कृत के सभी महान कवियों व नाटककारों के प्रेरणास्रोत रहे हैं। वे सब कवियों के गुरु हैं। रामायण सभी काव्यों का मूल है। उनके शूद्र होने की कहानी मनगढं़त है किसी प्रमाणिक ग्रंथ में इसका उल्लेख भी नहीं है। ्श्री राम जब सीता को वाल्मीकि के आश्रम में छोडऩे के लिए लक्ष्मण को भेजते हैं तो कहते हैं कि वहां जो वाल्मीकि मुनि का आश्रम है, वे महर्षि मेरे पिता के घनिष्ठ मित्र हैं। महर्षि वाल्मीकि कोई साधारण व्यक्ति नहीं थे। उन्होंने तपस्या की थी।...

भगवान श्रीकृष्ण का असली चरित्र क्या है?

योगिराज श्रीकृष्ण के चरित्र से खेलते माखनचोर और रासलीला रचैया बताने वाले ओ3म।  श्रीकृष्ण का नाम आते ही लोगों के जेहन में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का खुशियों भरा पर्व आ जाता है,क्योंकि उस समय चहुंओर संकट और सबलों के अत्याचार से त्राहिमाम करते लोगों को किसी महान आत्मा की आवश्यकता थी और वह महान आत्मा के रूप में श्रीकृष्ण ने जन्म लिया। उस समय विश्व के एकमात्र पूर्ण ज्ञानी,विवेकी,तपस्वी,योगिराज,कर्मयोगी थे श्रीकृष्ण। महाभारत और उससे पूर्व के ग्रंथों में मर्यादापूर्ण पुरुषोत्तम के रूप में श्रीकृष्ण को जाना जाता था। उसके बाद भागवत सहित अन्य नौ ग्रंथों में श्रीकृष्ण के चरित्रहनन की बाल लीलाएं,रास लीलाएंं, चीरहरण आदि की कवियों की कपोल कल्पित कहानियों ने सम्पूर्ण इतिहास का ही नाश कर दिया। युगपुरुष महायोगी श्रीकृष्ण को एक माखनचोर,व्यभिचारी,विश्वासघाती,अवसरवादी सहित अनेक लांछनों से कलंकित कर दिया। ये सारी बातें आज हल्के-फुल्के मनोरंजन के साधन एवं धर्म की आड़ में व्यवसाय करने वालों ने अल्पशिक्षित व अशिक्षितों के बीच ऐसी फैला दीं कि मानों यही सत्य धर्म है। इन सबकी विवेचनाएं करने के लिए हम आ...